The World of Sorrow........

on Saturday, December 19, 2009

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ख़ुशी की तलाश में जब मैं निकला,
हर गली हर मोड़ पे गम ही मिले हैं;
कुछ गम मे रोते मिले,
कुछ गम में हँसते मिले;
कुछ ने तो अपने आसूँ तक पिए हैं;
गम के छीटें किसी और पे ना पड़ जाए,
कुछ ने तो अपने जख्म तक सिये हैं;
अपना गम जब हद से गुजर गया,
तो कुछ शायर;
तो कुछ कातिल तक बने हैं.................

Manish "गमेदिल"

Broken Dream..........

on Thursday, December 17, 2009

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"इन तेज हवाओं में दिया बुझता ना तो क्या करता,

दिल की राहों मे अजनबी बनता ना तो क्या करता,

जब कश्ती टूट गयी हो और जिन्दगी बे-साहिल हो;

तो खुदा से एक तूफां की दुआ करता ना तो क्या करता,

क्या बताऊँ तुम्हे सांप निकले हैं आस्तीनों से;

इस दुनिया में साए से लिपटता ना तो क्या करता,

पास कुछ भी ना रहा बस टूटे खवाबों के सिवा;

इन खिलोनों से "गमेदिल" बहलता ना तो क्या करता,

Manish Singh "गमेदिल"

Definition of Love...................

on Thursday, December 10, 2009

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"प्रेम......................................................

भावना का एक बंधन है,

जिसमे लगे कोटि सुमन है,

इसका स्वर भी मनभावन है,

जो जोड़े अनेकों मानव मन है;

प्रेम..........................................................

विश्वास का ही नाम है,

सुख देना इसका काम है,

कडुवाहट को देता लगाम है,

सत्यता का दूसरा नाम है;

प्रेम............................................................

एक श्रधा है एक वादा है,

जिन्दगी को खूबसूरत बनाता है,

यह महज आकर्षण नही होता,

यह आत्म संतोष प्रदान करता है;

प्रेम............................................................

जीने की कल्पनाये दिखाता है,

प्राणों में प्रेरणा जगाता है,

रिश्तों मैं अनुराग बढ़ाता है,

जीवन के सपने सजाता है;

प्रेम.............................................................

एक कर्तव्य है ये रिश्तों का आधार है,

यह एक मोती है, जिससे बनता जीवन का हार है..........................

Manish "गमेदिल"

Dreams are shattered...............

on Thursday, December 3, 2009

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भीड़ मे ज़माने की हाथ छूट जाते हैं,

और ख्वाब टूट जाते है;

ख्वाब टूट जाते है;

बीते हुए लम्हों से जिन्दगी नही मिलती,

डूबते सूरज से जैसे रोशनी नहीं मिलती,

मतलबी ज़माने में खाक सब ख्वाब हुए;

और अब अंगारों से रवानगी नहीं मलती,

किस्मते-सितारे अक्सर रूठ जाते हैं;

और ख्वाब टूट जाते है;
ख्वाब टूट जाते है;

हर घडी लोग यहाँ रंग बदला करते हैं,

बदगुमानी-आग में पल-पल जला करते हैं,

दुश्मनों के बारे में क्या बतलाऊँ तुम्हे;

'अपने' भी गैर बनके अब तो मिला करते हैं,

मंजिल से पहले ही कारवां लुट जाते है;

और ख्वाब टूट जाते है;
ख्वाब टूट जाते है;

Manish "गमेदिल"

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