राहों में तू संग नहीं...............

on Monday, February 1, 2010

मौत ही दुश्मन नहीं,
जिन्दगी भी कम नहीं,
फिजा ही लूटे जिसे;
महके वो गुलशन नहीं,

आँख भी वीरान है,
पास आँसूं चंद नहीं,
पिटारा है गम का वो,
जिस ख़ुशी में तुम नहीं,

किस्मत ही है जब खफा,
बेवफा फिर तुम नहीं,
रंज इतना है "गमेदिल"
राहों में तू संग नहीं...............

Manish "गमेदिल"

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