Let's Go..................

on Monday, November 23, 2009

चलो हमनशी चलेंगे कही और हम,
चलो दिल्लगी करेंगे कहीं और हम;

जलते हैं आशियाने यहाँ रौशनी के लिए,
लोग मरते हैं यहाँ जिन्दगी के लिए,
चलो जिंदगी जियेंगे कहीं और हम;

रहता है वो किस घर में क्या पता हैं यहाँ?
लोग अपने ही पते पर लापता हैं यहाँ,
चलो साकी ढूढेंगे कही और हम;

कुछ भी नहीं अपना यहाँ है सब किराये पे,
छावं भी नहीं मिलती यहाँ दरख्तों के साए में,
चलो "गमेदिल" चलेंगे कहीं और हम;
चलो दिल्लगी करेंगे कहीं और हम"...................................

1 comments:

Anonymous said...

I think, this one is your hindi translation....

M I Right.......?

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