Definition of Love...................

on Thursday, December 10, 2009

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"प्रेम......................................................

भावना का एक बंधन है,

जिसमे लगे कोटि सुमन है,

इसका स्वर भी मनभावन है,

जो जोड़े अनेकों मानव मन है;

प्रेम..........................................................

विश्वास का ही नाम है,

सुख देना इसका काम है,

कडुवाहट को देता लगाम है,

सत्यता का दूसरा नाम है;

प्रेम............................................................

एक श्रधा है एक वादा है,

जिन्दगी को खूबसूरत बनाता है,

यह महज आकर्षण नही होता,

यह आत्म संतोष प्रदान करता है;

प्रेम............................................................

जीने की कल्पनाये दिखाता है,

प्राणों में प्रेरणा जगाता है,

रिश्तों मैं अनुराग बढ़ाता है,

जीवन के सपने सजाता है;

प्रेम.............................................................

एक कर्तव्य है ये रिश्तों का आधार है,

यह एक मोती है, जिससे बनता जीवन का हार है..........................

Manish "गमेदिल"

2 comments:

Anonymous said...

maine na jane kiti prem ki parbhashayen padi hai, kuchh hindi main aur kuchh english main,


aapke dwara likha gaya yeh andaaj bhi bahut achha laga...........

thanks for posting this & keep it up...........

स्वप्न मञ्जूषा said...

prem ki paribhasha acchi lagi..

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